सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग क्या थे? कल्कि अवतार कोन है?

सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग क्या थे? कल्कि अवतार कोन है?

सनातन धर्म के अनुसार समय के परिवर्तन को युग कहा जाता है और एक युग को चार भागों में बांटा गया है वह 4 भाग है सतयुग, त्रेता युग, द्वापर युग, और कलयुग और आज मैं आपको हमारे धर्म में बताएं चारों युगों की जानकारी देने वाली हूं कि आखिर कैसे थे तीन युग और कैसा होगा कलयुग ? हम सब जानते ही है कि वेदों और पुराणों का पूर्ण अनुवाद नहीं किया जा सकता क्योंकि इसमें इस्तेमाल संस्कृत का अब शायद पूरा ज्ञान किसी के पास नहीं है, इसमें कुछ संस्कृत बहुत कठिन है लेकिन में इसकी आसान और लॉजिकल भाषा में इसका वर्णन करने की कोशिश करती हूं।

ब्रह्मा का जीवन काल ब्रह्मा आयाम में 100 साल का होता है और ब्रह्मा का जन्म विष्णु नाभि से माना जाता है, ब्रह्मा के 100 साल में 1 साल को 365 दिन का माना जाता है, हर दिन को 2 भागों में बांटा जाता है यानी 1 भाग दिन और 1 भाग रात, इस तरह 1 भाग को 1 कल्प कहा जाता है यानी 1 दिन में 2 कल्प हुए। ब्रह्मा के 1 कल्प में 14 मनु अवतार होते हैं, इस समय हम सातवें मनु अवतार में है, एक मनु अवतार में 71 महायुग होते हैं, 1 महा युग में 4 युग होते हैं सतयुग, त्रेता युग, द्वापर युग और कलयुग। इस तरह देखे तो ब्रह्मा का एक दिन हमारे चार अरब 32 करोड़ साल(4,32,00,00,000) के बराबर होता है। वैज्ञानिक मल्टी वर्ष के बारे में आज जान पाए हैं कि अलग-अलग ब्रह्मांड और अलग-अलग समय होता है जो हमारे ग्रंथों में पहले से बताया जा चुका है।

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ब्रम्हा की आयु


सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग क्या थे? कल्कि अवतार कोन है?

चार युगों का वर्णन -

सतयुग 

अब बात करते हैं चार युगों की तो सबसे पहले आता है सतयुग, जिसे क्रतयुग भी कहा जाता है। और इस युग को सच्चाई का युग भी कहा जाता है, इस युग में झूठ नहीं होता क्योंकि इंसान मानसिक स्तर को श्रेष्ठ बना लेते हैं जिस कारण बात करने के लिए बोलने की जरूरत नहीं रहती, इसलिए एक दूसरे का दिमाग पढ़ने वाला मनुष्य झूठ बोल ही नहीं सकता। इस युग में इंसान की आयु भी 1,00,000 साल होती है क्योंकि इंसान शारीरिक ज्ञान से लेकर मानसिक ज्ञान का स्तर श्रेष्ठ कर लेता है जिसके कारण बीमारियां या किसी पीड़ा का एहसास नहीं होता है। इस युग में धर्म के चारों स स्तम्भ मौजूद होते हैं, यह युग 17,28,000 साल का होता है और इस युग में इंसान या आत्माओं की लंबाई 36 फुट होती है।

त्रेता युग

इसके बाद आता है त्रेता युग इस युग में धर्म के चार स्तंभों में से एक स्तम्भ कम हो जाता है यानी एक चौथाई सच्चाई का पतन हो जाता है। इस युग में इंसान अपने शारीरिक विकास पर ध्यान देना शुरू कर देते है और अपने मानसिक ज्ञान का पतन करना शुरू कर देहै है। सतयुग में तो मनुष्य के पास वेदों का पूर्ण ज्ञान होता है इसलिए उसे वेदों को पढ़ने की जरूरत भी नहीं पड़ती परंतु त्रेता युग में वेदों को चार भागों में विभाजित कर दिया जाता है क्योंकि इस युग में मानसिक ज्ञान कम होने लगता है इसलिए उन्हें वेदों को पढ़ने की जरूरत पड़ती है। इस युग में इंसान की आयु भी कम होना शुरू हो जाती है, इस युग में इंसान की आयु 10,000 साल रह जाती है और इसी युग में शक्ति के लिए राज्यों का निर्माण होना शुरू हो जाता है। इस युग में आत्माओं की लंबाई 21 फुट के लगभग होती है। यह युग 12,96,000 साल का होता है।

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चार युगों का वर्णन -

द्वापर युग

इसके बाद आता है द्वापर युग, इस युग में धर्म के चार स्तंभों में से दो ही स्तंभ रह जाते हैं यानी इस युग में धर्म और अधर्म बराबरी पर चलना प्रारंभ कर देते हैं। इसमें केवल शारीरिक शक्ति का ही विकास किया जाता है, मानसिक ज्ञान बहुत कम लोगो में रह जाता है, मानसिक ज्ञान न रहने के कारण इस युग में बीमारियां भी हावी होना शुरू हो जाती है। मनुष्य का जीवन 1000 वर्ष तक ही रह जाता है। इंसान का मानसिक ज्ञान कम हो चुका होता है जिस कारण झूठ और लालच बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं, शक्ति के लिए युद्ध होते हैं। जिस तरह सतयुग और त्रेता युग में मानसिक शांति होती है इस युग में ईर्ष्या, भय, क्रोध, और अज्ञानता हावी हो जाती है। इस युग में कुछ महापुरुष ही ज्ञान रखते हैं जो धर्म को बचाए रखते हैं। यह युग 8,64,000 साल का होता है, इस युग में आत्माओं की लंबाई 11-12 फूट ही रह जाती है।

कलयुग

द्वापर युग के बाद आता है कलयुग, जिसमें धर्म के चार स्तंभों में से सिर्फ एक ही स्तंभ रह जाता है जिस कारण अधर्म, धर्म पर भी हावी होने लगता है। इसके पहले 10,000 साल को कलयुग के सबसे अच्छे समय के रूप में माना जाता है परंतु जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता है वैसे वैसे अधर्म अधिक बढ़ता जाता है। 10,000 साल के बाद का समय सबसे बुरा आता है ऐसा भी कहा गया है कि कलयुग के 10,000 साल के बाद गंगा नदी सुख जाएंगी और धरती पर से सभी देवी देवता परलोक चले जाएंगे। इस युग में शारीरिक विकास को ही सबसे अच्छा समझा जाता है मानसिक ज्ञान किसी के पास नहीं रहता, जिस कारण धर्म और अधर्म में अंतर करना भी मुश्किल हो जाता है। कलयुग कुल 4,32,000 साल का होता है और श्री कृष्ण के द्वापर युग में शरीर छोड़ने के बाद कलयुग की शुरुआत हुई थी यानी लगभग 5000 साल का समय बीत चुका है क्युकी महाभारत का युद्ध लगभग 3102 इसा पूर्व में हुआ था यानी 3102+2020=5122 इतने वर्षों पहले महाभारत का युद्ध हुआ और उसके लगभग 35 साल बाद पांडवो ने स्वर्ग की यात्रा प्रारम्भ की ओर अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित को राजा बनाया और दूसरी तरफ उसी समय श्री कृष्ण धरती से बैकुंठ धाम चले गए। कलयुग का अन्त भी कल्कि अवतार के द्वारा ही होगा। कलयुग के अन्त के बाद फिर से सतयुग प्रारंभ होगा।

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सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग क्या थे? कल्कि अवतार कोन है?
4 युग = 43,20,000


कल्कि अवतार कोन है?

कल्कि अवतार और कलयुग का अंत यह दो ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब हमें पुराणों से लेकर अन्य सभ्यताओं तक भी मिलेगा, बस हर सभ्यता में इसका नाम अलग है और अलग प्रकार से इस अवतार का वर्णन मिलता है परंतु सभी सभ्यताओं में इस अवतार के होने का कारण एक ही है। आज हम आपको कल्कि अवतार से जुड़ी ऐसी जानकारी देने वाले हैं जो आपने पहले कभी नहीं सुनी होगी।

सनातन धर्म के अनुसार कल्कि अवतार का जन्म कलयुग के अंत में होगा। श्री कृष्ण के शरीर त्यागने के पश्चात राजा परीक्षित के समय कलयुग का प्रारंभ हुआ था और कल्कि अवतार कलयुग का अंत करेंगे। पुराणों के अनुसार चार युगों से, एक महायुग बनता है, सबसे पहले सतयुग जो 17,28,000 साल का था। जो सच्चाई का युग था। फिर आता है त्रेतायुग, जो कि 12,96,000 साल का था। इसके बाद आता है द्वापर युग, जिसमें श्री कृष्ण अवतार लेते हैं और महाभारत का युद्ध भी होता है। यह युग 8,64,000 साल का था। फिर आता है कलयुग, जो कि 4,32,000 साल का होगा। यानी एक महायुग, कुल मिलाकर 4 अरब 32 करोड़ साल(4,32,00,00,000) का होता है। कलयुग में धर्म के चार स्तंभों में से सिर्फ एक ही स्तम्भ रह जाता है। इस युग को कलयुग इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस युग में अधर्म का काला अंधेरा छाने लगता है इसलिए इस युग का अन्त करने के लिए कल्कि अवतार जन्म लेंगे। कलयुग के पहले 10,000 साल ही सबसे बेहतर होंगे लेकिन इसके बाद अधर्म की जड़े और भी मजबूत होने लगेगी। भागवत पुराण के अनुसार कलयुग में मनुष्य के जीवन के कोई नियम नहीं होंगे, लालच ही सबको परेशानी की तरफ ले जाएगी। कलयुग में पहले 10,000 साल तो जनसंख्या बढ़ेगी लेकिन उसके बाद जनसंख्या विनाश से कम होगी लेकिन इस विनाश का कारण भी मनुष्य स्वयं होगा यानी कि उसकी गलतियों के कारण ही प्रकृति का विनाश होगा और प्राकृतिक घटनाओं के कारण ही जनसंख्या का भी विनाश होगा। जैसे- अभी कोरोना के कारण, बाढ़ के कारण तूफानों के कारण जो कुछ विनाश हो रहा है वह आगे चलकर और बढ़ेगा लेकिन जब कलयुग का अन्त पास आ जाएगा तब कल्कि अवतार जन्म लेंगे।

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कल्कि अवतार कोन है?

कलियुग का प्रारंभ 3102 ईसा पूर्व से हुआ था, जब पांच ग्रह; मंगल, बुध, शुक्र, बृहस्‍पति और शनि, मेष राशि पर 0 डिग्री पर हो गए थे। इसका मतलब 3102+2020= 5122 वर्ष कलियुग के बित चुके हैं और 4,26,878 वर्ष अभी बाकी है और अभी से ही कल्कि की पूजा, आरती और प्रार्थन शुरू हो गई है। माफ करना अभी से नहीं करीब पौने तीन सौ साल से उनकी पूजा जारी है। यह अवतार भविष्य में होगा या नहीं यह अभी अनिश्चित है, लेकिन लोगों को कौन रोक सकता है पूजा करने से। मूर्ख लोग तो अमिताभ और रजनीकांत की पूजा भी करते हैं। कल्कि अवतार का वर्णन हमारे वेदों पुराणों में मिलता है, जो इन्हें सही तरीके से पढ़ते है वे भी समझ सकते है कि इसकी सच्चाई क्या है।

कल्कि अवतार का जन्म सम्भल नामक जगह पर होगा और उनके पिता का नाम विष्णुयशा होगा। कल्कि अवतार का वाहन एक सफेद घोड़ा होगा, जिसका नाम देवदत्त होगा, इसकी सवारी करके वह अधर्म का विनाश कर पुनः धर्म की स्थापना करेगे। कल्कि अवतार का साथ अन्त के उस विनाशक युद्ध में हनुमान जी और परशुराम जी देंगे। कल्कि अवतार की ऐसी ही जानकारी भविष्य पुराण में भी दी गई है लेकिन ऐसा नहीं है कि कल्कि अवतार की भविष्यवाणी केवल सनातन धर्म में ही दी गई है, दुनिया के अलग-अलग धर्मों, अलग-अलग सभ्यताओं में भी कल्कि अवतार के आने की जानकारी दी गई है। ईसाई धर्म में मसीहा के आने की बात कही गई है जो अंत में बुराई का अंत करेगा, इस्लाम में भी मेहंदी का जिक्र किया गया है जो विनाश के दिन आएंगे और बुराई का अंत करेंगे, बुद्ध धर्म में भी कालचक्र तंत्र जिसे समय का पहिया कहा जाता है इसमें भी कल्कि अवतार का जिक्र किया गया है इसमें बताया गया है कि कल्कि अवतार कई बार आते हैं और जब भी आते हैं तब विनाश और बुराई का अंत होता है और समय बदल जाता है लेकिन इसी के साथ गलत जानकारी को भी भ्रम के रूप में फैलाया जाता है कई सभ्यताओं के लोगों ने खुद को कल्कि अवतार होने का दावा किया लेकिन इस भ्रम ने उनका ही विनाश किया। श्रीमद्भागवत गीता में भी कहा गया है कि भविष्य में कई झूठे धर्मगुरु होंगे जो दुनिया को अधर्म के मार्ग पर ले जाएंगे और जो ज्ञानी व्यक्ति होगा वह इसकी पहचान करेगा।

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विष्णु दशावतार

कल्कि अवतार कोन है?

मैं आपसे अन्त में यही कहना चाहूंगी कि आप किसी सभ्यता का हिस्सा नहीं है बल्कि उस धर्म का हिस्सा है जो लाखों सालों से वही का वही है। कई धर्म आए और चले गए, कई सभ्यताएं बसी और खत्म हो गई लेकिन सनातन धर्म आज भी हमें एक स्तंभ की तरह रास्ता दिखाएं हुए हैं तो इसे कभी भूले नहीं। दोस्तो आप खुद सोच सकते है कि आखिर कुछ तो ऐसा होगा हमारे सनातन धर्म में, जो आज तक इतने वर्षों के बाद भी जीवित है और अगर हम सही तरीके से इसे समझें तो वह हमारे जीवन को एक नई दिशा देने का भी गुण रखता

है, बस हमें सही, गुणात्मक और जो चीजें वेदों- पुराणों में लिखी गई है उनका चयन करना है, अगर हम स्वयं को सनातन धर्म कर्म का हिस्सा मानते हो तो या आप की भाषा में कहू तो स्वयं को हिन्दू मानते हो तो। तभी हम सही और सटीक जानकारी हासिल कर पाएंगे वरना आप तो जानते ही है कि किसी भी चीज की आधी अधूरी जानकारी सबसे ज्यादा खतरनाक होती है। जब- जब सनातन धर्म को मिटाने की कोशिश हुई या जब-जब अधर्म बढ़ा, तब-तब भगवान ने स्वयं अवतार लिया और अधर्म का अन्त किया है। आशा है कि ये आगे भी ऐसा ही चलेगा। 

और हा दोस्तो, एक बात और इसे मेरी एक request भी समझ सकते है या मेरी एक इच्छा भी की आप किसी भी चीज को फॉलो करते है या किसी भी धर्म को, किसी भी संप्रदाय या पंथ को, तो सबसे पहले स्वयं से पूछे कि ये क्या चीज है, इसका लक्ष्य क्या है इसमें कोनसी चीज, कोनसी बात सही है या गलत। इन बातो के जवाब आप स्वयं अपने चारो तरफ देख कर, सही और गलत क्या है ये देखकर दे। किसी और की बातो में ना आए, मेरी बात भी ठीक ना लगे तो ना माने। comment करके बता सकते है की ये आपने गलत कहा या ये बात सही कही, मुझे भी अच्छा लगेगा कि चलो कोई पढ़ तो रहा है सही से। लास्ट में यही की सुनो सबकी ओर करो वहीं जो आपको सही लगे या आपके परेंट्स को।


Translation in english below -

What were the Satyuga, Tretayuga, Dwaparyuga and Kalyuga?  Who is Kalki Avatar?

According to Sanatan Dharma, the change of time is called Yuga and an Yuga is divided into four parts. It is 4 parts. Satyuga, Treta Yuga, Dwapara Yuga, and Kali Yuga and today let me tell you in our religion that information of the four Yugas.  I am, how were the three eras and what will be the Kalyug?  We all know that Vedas and Puranas cannot be fully translated because no one now has complete knowledge of Sanskrit used in it, some Sanskrit is very difficult in it but I try to describe it in its easy and logical language.  I do

The life span of Brahma is 100 years in the Brahma dimension and Brahma is believed to be born from Vishnu navel, 1 year is considered to be 365 days in 100 years of Brahma, every day is divided into 2 parts i.e. 1 part  Day and 1 part night, thus 1 part is called 1 kalpa i.e. 2 kalpa happened in 1 day.  There are 14 Manu avatars in 1 Kalpa of Brahma, at this time we are in the seventh Manu avatar, a Manu avatar consists of 71 Mahayuga, 1 Maha Yuga consists of 4 Yuga Satyuga, Treta Yuga, Dwapara Yuga and Kali Yuga.  In this way, one day of Brahma is equal to four billion 32 crore years (4,32,00,00,000).  Scientists today are able to know about multi-year that there is different universe and different time which has already been mentioned in our texts.

What were the Satyuga, Tretayuga, Dwaparyuga and Kalyuga?  Who is Kalki Avatar?


 Description of four eras -


 The golden age


 Now let's talk about the four yugas, the first comes the Satyuga, which is also known as the Kratayuga.  And this age is also called the age of truth, in this age, there is no lie because humans make mental level superior, due to which there is no need to speak in order to talk, so a person reading each other's mind must lie.  not can.  In this age, the age of human being is also 100,000 years, because human beings have elevated the level of mental knowledge from physical knowledge, due to which diseases or any suffering is not realized.  All the four pillars of religion exist in this era, this age is 17,28,000 years and in this age the length of humans or souls is 36 feet.


 Treta Yug


 After this comes the Treta Yuga In this era, one of the four pillars of religion is reduced, that is, one fourth of the truth has fallen.  In this age, humans start focusing on their physical development and their mental knowledge starts to decline.  In the Satyuga, man has full knowledge of the Vedas, so he does not even need to read the Vedas, but in Treta Yuga, Vedas are divided into four parts, because in this age mental knowledge starts decreasing, so they have to give Vedas  Need to read.  In this age, the age of human beings also starts to decrease, in this age, the age of human being becomes 10,000 years and in this age states for power start to be created.  In this age, the length of souls is about 21 feet.  This era is 12,96,000 years old.


What were the Satyuga, Tretayuga, Dwaparyuga and Kalyuga?  Who is Kalki Avatar?


Description of four eras -

Dwapara Yuga


After this comes the Dwapar Yuga, in this era only two out of the four pillars of religion remain, that is, in this age, religion and unrighteousness start to follow.  Only physical strength is developed in this, mental knowledge remains in very few people, due to lack of mental knowledge, diseases also begin to dominate in this age.  The life of a human remains for 1000 years.  Human's mental knowledge is reduced, due to which lies and greed increase very much, there are wars for power.  Just as there is mental peace in the Satyuga and Treta Yuga, jealousy, fear, anger, and ignorance dominate in this era.  In this age only some great men have knowledge who preserve religion.  This era is of 8,64,000 years, in this age the length of souls remains 11–12 feet.


 Kalyug


 Kaliyuga comes after Dwapara Yuga, in which only one of the four pillars of religion remains, due to which unrighteousness also dominates religion.  Its first 10,000 years is considered as the best time of Kali-yuga, but as time progresses, the lawlessness increases more and more.  The worst time comes after 10,000 years. It has also been said that after 10,000 years of Kali-yuga, the river Ganges will dry up and all the Gods and Goddesses from the earth will go to the other world.  In this age, physical development is considered the best, no one has mental knowledge, due to which it becomes difficult to distinguish between religion and unrighteousness.  Kali Yuga is a total of 4,32,000 years and Kali Yuga started after Shri Krishna left his body in Dwapara Yuga i.e. around 5000 years have passed since Mahabharata war took place in about 3102 ISA ie 3102 + 2020 =  5122 The war of Mahabharata took place so many years ago and about 35 years after that, the Pandavas started Abhimanyu's son Parikshit as king on the beginning of the journey to heaven and on the other hand at the same time, Shri Krishna went from the earth to Baikuntha Dham.  The end of Kalyug will also be through Kalki avatar.  After the end of Kalyug, Satyug will start again.


 Who is Kalki Avatar?


Kalki Avatar and the end of Kali-yuga are two such questions that we will get answers from Puranas to other civilizations, just in every civilization its name is different and this avatar is described differently but in all civilizations this avatar is  The reason is the same.  Today we are going to give you such information related to Kalki avatar which you have never heard before.

According to Sanatan Dharma, Kalki avatar will be born at the end of Kali Yuga.  The Kali Yuga started at the time of King Parikshit after leaving the body of Shri Krishna and the Kalki avatar will end the Kali Yuga.  According to the Puranas, from the four Yugas, a Mahayuga is formed, the first Satyuga which was 17,28,000 years old.  Which was the era of truth.  Then comes Tretayuga, who was 12,96,000 years old.  After this comes the Dwapara Yuga, in which Shri Krishna incarnates and the war of Mahabharata also takes place.  This era was 8,64,000 years old.  Then comes Kali Yuga, which will be 4,32,000 years old.  That is, a Mahayuga is 4 billion 32 crore years (4,32,00,00,000) in total.  In the Kalyug only one of the four pillars of religion remains.  This era is called Kali-yuga because in this age, the dark darkness of unrighteousness starts to filter, so to end this age, Kalki avatar will be born.  The first 10,000 years of Kali Yuga will be the best, but after this the roots of iniquity will become even stronger.  According to the Bhagavata Purana, there will be no rules of human life in Kalyug, greed will lead everyone to trouble.  In Kali Yuga, the population will increase in the first 10,000 years, but after that the population will be less than the destruction, but the reason for this destruction will also be the man himself, that it will be the destruction of nature due to his mistakes and the destruction of the population due to natural events.  Just like, due to the corona, the destruction that is due to the storms due to the floods will increase further, but when the end of the Kalyuga comes near, Kalki avatars will be born.


 who is Kalki Avatar?


 Kali Yuga started from 3102 BC, when the five planets;  Mars, Mercury, Venus, Jupiter and Saturn were at 0 degrees on Aries.  This means 3102 + 2020 = 5122 years have been spent in Kali Yuga and 4,26,878 years have been left and Kalki worship, aarti and prayer has already started.  Sorry not now, his worship has been going on for almost three hundred years.  Whether or not this incarnation will happen in the future is uncertain, but who can stop people from worshiping.  Stupid people also worship Amitabh and Rajinikanth.  The description of Kalki avatar is found in our Vedas Puranas, those who read them properly can also understand what its truth is.

Kalki Avatar will be born in a place called Sambhal and his father's name will be Vishnuyasha.  The vehicle of Kalki Avatar will be a white horse, named Devadatta, by riding it, he will destroy iniquity and re-establish religion.  Hanuman ji and Parashuram ji will accompany the Kalki avatar in that last destructive war.  Similar information of Kalki avatar has also been given in the Bhavishya Purana but it is not that the prediction of Kalki avatar has been given only in Sanatan Dharma, information about the arrival of Kalki avatar in different religions, different civilizations of the world.  Has been given.  In Christianity, there is talk of the coming of the Messiah who will end the evil in the end, Mehndi is also mentioned in Islam which will come on the day of destruction and end the evil, also in the Buddha religion, the Kalachakra system called the wheel of time.  It is also mentioned that Kalki avatar is mentioned in it that it is said that Kalki avatar comes many times and whenever it comes, there is an end to destruction and evil and time changes but at the same time misinformation is also confused.  People of many civilizations claimed themselves to be Kalki avatars, but this illusion destroyed them.  The Srimad Bhagwat Geeta also states that in future there will be many false religious leaders who will take the world on the path of unrighteousness and the knowledgeable person will identify it.


 Who is Kalki Avatar?

 I would like to tell you in the end that you are not a part of any civilization but a part of that religion which has been the same for millions of years.  Many religions have come and gone, many civilizations have come to an end and have disappeared, but Sanatan Dharma is still showing us the way like a pillar, so never forget it.  Friends, you can think yourself that something like this will happen in our eternal religion, which is alive till today even after so many years and if we understand it properly then it will also have the quality to give a new direction to our life.

That is, we have to choose the right, qualitative and things written in the Vedas - Puranas, if we consider ourselves to be part of Sanatana Dharma Karma, or if you say in your language, then consider yourself a Hindu.  Only then we will be able to get correct and accurate information, otherwise you know that half the incomplete information of anything is the most dangerous.  Whenever there was an attempt to eradicate Sanatana Dharma or whenever unrighteousness increased, then God himself incarnated and put an end to unrighteousness.  I hope this will continue in the future as well.


And friends, one thing and I can understand this as one of my requests or one of my wishes that you follow anything or any religion, any sect or creed, first of all ask yourself  What is the thing, what is the goal of it, which thing is right or wrong?  You can answer these things by looking around yourself, seeing what is right and wrong.  Do not come in anyone else's words, if my words do not suit you, do not listen.  You can tell by commenting that you said it wrong or said it right, I would also love that someone is reading it right.  Listen to the same thing in the last, to everyone who feels right or to your parents.














Comments

  1. I appreciate your efforts & I agree with you.

    Sanatan dharma may not be superior for some people but
    we can't deny the fact that it has explanation for most of scientific things as well as do's and don'ts in life.

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  2. Yes exactly..we just need to follow the right things of our sanatan dharma not the rumours.
    Thax to appreciate me and describe your views on this. I also appreciate you because there are very few people who like to read such sensible things.

    ReplyDelete
  3. Bahut aachaa likha he..itna.kuch h in vedho me..or aaj hame kahi koi ye sab chiiz nahi bta raha..yee hamare desh ka sabse bad a fault he..hamare desh me ESE teacher ko appoint karna chaiye Jo vedo ko padaye..or hamare past ko.sai se samjaye..yee sabse bde change ki requirements he..keval books ko rat kar paper dena ye..hamare India ki.siksha nahi..the ise kharab kar diya..gaya..he..but usko pure tarah badal to naho sakte but kuch change to lekar aasakte..he....and aapko appreciate karounga..itne mehnat itna sab kuch knowledge ki chiizo ko padh kar itne simple language me btana..bahut muskil kam..he..aap ESE he..hame knowledge ki..bato ko share karte rahiye.or kisi ka pta nahi but me..aapka thankful rahounga..kyuki muje nahi lagta muje.koi ESE knowledge ki bate share kare..too thaxx Yarr..orr ESE he knowledge ko share karte raho..or..me sure hu ki aap 1 din bahut kuch aachaa karounge..too keep it up..and.hamesha ke jese i am waiting for your next..blog..����

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  4. Bhut bhut shukriya itni tareef ke liye..bilkul sahi kha aapne desh ki shiksha niti hi desh ki niv he, vhi hme ek achhe future ki traf leja skti he or hmare sharirik vikas ke sath mansik vikas kr skti he. Jiske liye hme vaps se prachin shiksha ka sahara bhi lena pade to koi glt nhi hoga.
    Or ha nya blog jldi hi aayega esehi bharat ke bare m kuch interesting bate lekr..

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