मुस्लिम विवाह अधिनियम 1937 के तहत क्या हिन्दुओं को भी चार पत्नी रखने का अधिकार मिलेगा?
आज काफी टाइम बाद कुछ लिख रही हूं, वैसे ब्लॉग का एड्रेस बदल दिया है क्युकी पहले वाला एड्रेस सभी सोशियल मीडिया साइट्स से ब्लॉक हो गया था या शायद कर दिया था, पता नहीं..। कुछ लोगो ने पूछा भी कि नया ब्लॉग नहीं लिखा, वो क्या है में अपने खाली समय में ब्लॉग लिखती हूं, ऐसा नहीं है कि में रुपए के लिए या मेरा ब्लॉग पूरी दुनिया पढ़े इसलिए लिखती हूं। ये ब्लॉग तो बस मेरी सोच है, एक गुस्सा है, एक डर है कहीं मन में जो में कभी कबार लिख कर निकाल देती हूं, कोशिश करूंगी की महीने में एक ब्लॉग जरूर लिखूं, जिसको पसंद आए पढ़े नहीं तो नहीं सही..बाकी में चाहती जरूर हूं की लोग सही चीज को, सही बात को जाने, चाहे ये ब्लॉग पढ़कर जाने या केसे भी उससे मुझे कोई मतलब नहीं।
Bharat mata |
Presently जो चल रहा है उस पर लिखूंगी। बहुत ही खुश हूं में की उत्तर प्रदेश में लव जिहाद पर कानून बना है और काम भी जोरों शोरों से होरहा है ऐसे मामलों में। अब अन्य मजहब या धर्म में शादी करने से पहले प्रशासन को सूचित करना होगा और इस कानून कि सबसे बड़ी सुंदरता यह है कि शादी के लिए धर्म परिवर्तन को पूरी तरह एक अपराध माना गया है। जो कि सही भी है क्युकी में मानती हूं जहां सच्चा प्यार होता है वहा ये सब चीजे कोई मायने नहीं रखती की हमारा धर्म कोनसा है जाति क्या है, भगवान को पूजते है, अल्लाह को या गोड को। बहुत से लोगो का ये सवाल होता है कि शादी के बाद या पहले धर्म परिवर्तन मुस्लिम लोग ही क्यों करते है ऐसे मामले मुसलमानों में ही क्यों देखने को मिलते है, हिन्दू किसी मुस्लिम लड़की से शादी करके धर्म परिवर्तन करे ऐसा तो कहीं सुनने को ही नहीं मिलता, और पहली बात तो ये की कोई मुस्लिम लड़की हिन्दू लड़के से शादी ही बहुत कम करती है। सोचने वाली बात नहीं है क्या ये..??
मुस्लिम विवाह अधिनियम 1937 के तहत क्या हिन्दुओं को भी चार पत्नी रखने का अधिकार मिलेगा?/Under the Muslim Marriage Act 1937, Hindus Also got the right to keep 4 wife?
ऐसा इसलिए है क्योकि मुस्लिम समुदाय को बहुविवाह (polygamy) का अधिकार है जी हां मुस्लिम पुरुष 4 शादियां कर सकते है और 5वी भी करना चाहे तो एक पत्नी को तलाक, तलाक, तलाक बोल कर 5वी शादी भी कर सकते है। वैसे ये 3 तलाक पर तो चलो अब कानून बन गया है तो कुछ गंदगी साफ हुई है शायद। हमारे संविधान के अनुसार मुसलमानों को मुस्लिम विवाह अधिनियम या शरीयत के तहत बहुविवाह का अधिकार दिया गया है। कुछ लोग ये नहीं जानते होगे कि मुसलमानों के अनुसार उनकी पवित्र पुस्तक है एक शरियत(शरिया) जिसमें उनके रहन- सहन, आचार- विचार, धर्म- अधर्म, राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक बातो को लिखा गया है जो की एक मुसलमान होने के नाते उनको अपनाना उनका कर्तव्य है और ऐसा भी मानना है कि इससे उनको जन्नत मिलेगी। जैसे कि हमारी पवित्र पुस्तक भागवत गिता है जिसमें हमे हमारे जीवन की सच्चाई का दर्शन होता है और कैसे हम एक सात्विक जीवन जी सकते है, भागवद गिता में साफ शब्दों में लिखा है, पर अफसोस हम सनातनी लोगो को कहा समय है हमारी ही धार्मिक पुस्तकों को पढने का, उसी का नतीजा है आज जो कुछ भी बुरा, धर्म को लेकर हमारे साथ हो रहा है। पर हमे क्या..हम तो इंतजार करेगे की कभी हमारे घर मे कुछ ग़लत होगा तब हमारी आंखे खुलेगी, पर तब तक ऐसा ना हो कि बहुत देर होजाए। खेर अपने टॉपिक पर आते है, दोस्तो, आपको पता तो होगा ही की इस देश की आजादी के लिए हमारे पूर्वजों ने कितने बलिदान दिए, कितने ही लोग शहीद हुए, उस समय जिनको अपनी शरियत प्यारी थी वो पाकिस्तान और बंगलादेश गए और जिन लोगो को पहले दिन से ही अपने भारत देश का सविधान प्यारा था वो भारत में ही रहे। लेकिन क्या आपको पता है कि आजादी के लगभग 72 साल बाद भी हमारे देश में शरियत की बाते सविधान से उपर है यानी में ये कहना चाहती हूं कि हमारे सविधान में कुछ चीजें ऐसी है जो शरियत के हिसाब से लिखी है।
जैसे मुस्लिम विवाह अधिनियम 1937 जिसको शरिया या शरियत कानून भी कहते है जिसके तहत मुस्लिम 4 शादी कर सकते है और वही हमारे सविधान के अनुसार हिन्दू, सीख, बौद्ध, ईसाई, पारसी अगर एक पत्नी के होते हुए दूसरी शादी करे तो इसे अपराध माना जाता है।
तो अब क्या ये कहा जा सकता है की हमारे ही देश के संविधान ने हमें पिछले 72 सालो से धोखा दिया है। क्या कहते है वो सविधान के मूल अधिकार में सबसे पहला अधिकार क्या था.."समानता का अधिकार"। कहा है अब हमारी समानता ? इसी के खिलाफ आज बहुत बड़ी पहल की है विष्णु जैन जी ने, आपमें से कुछ लोग जानते ही होंगे कि विष्णु जैन जी ने राम मंदिर की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और ईदगाह मथुरा पर भी इन्होंने ही याचिका दायर की है और आज विष्णु जैन जी ने कोर्ट में याचिका दायर की हैं कि जो शरीयत एप्लीकेशन एक्ट 1937 या मुस्लिम विवाह अधिनियम 1937 है उसकी धारा 2 को रद्द किया जाए क्योंकि यह संविधान की धारा 14 और 15.1 का उल्लंघन करती हैं और यह पूरी तरह से महिलाओं के साथ में भेदभाव पूर्ण है और अतार्किक है इसलिए पॉलिगेमी या बहुविवाह नहीं होना चाहिए। दूसरी बात इन्होंने कही है कि आईपीसी(IPC) की धारा 494 यह कहती है कि एक पत्नी के होते हुए दूसरी से विवाह करना कानूनन अपराध है इसके लिए जुर्माना और 7 साल तक की सजा का प्रावधान भी है लेकिन केवल धर्म अलग होने से मुसलमानों को इसके तहत सजा नहीं मिलती इसका कारण बताइए ? आज वह कानून जो दूसरों से पूछता है कि कारण बताइए, आज उसी से पूछा जा रहा है कि पिछले 72 सालों में अपने ही देश के खासकर बहुसंख्यक समुदाय के साथ ऐसा भेदभाव क्यों किया गया ? तो देखने वाली बात अब यह है कि कोर्ट क्या फैसला सुनती है क्या हिन्दुओं या बाकी धर्म के भी लोगो को भी 4 पत्नियों की अनुमति दी जाएगी या मुस्लिम विवाह अधिनयम 1937 को हटा दिया जाएगा और मुस्लिम भी फिर 1 समय में 1 ही पत्नी रख सकेगे।
मुस्लिम विवाह अधिनियम 1937 के तहत क्या हिन्दुओं को भी चार पत्नी रखने का अधिकार मिलेगा?/Under the Muslim Marriage Act 1937, Hindus Also got the right to keep 4 wife?
अब आप जरा सोचिए कि हिंदुओं की जनसंख्या कितनी तेजी से कम होती जा रही है क्योंकि शादी एक करते हैं और बच्चे दो ही अच्छे, यह सोच भी विकसित हो गई है। इस बात को हम इस तरीके से समझ सकते है कि 1 जोड़ा है जो 1 लड़की का जन्म देता है और 1 जोड़ा है जो 1 लड़के को जन्म देता है और ये दोनों लड़का लड़की आगे जाकर शादी करते है यानी कि 2 जोड़े से 1 जोड़ा बना है अर्थात 4 लोगो से 2 लोग या 1 जोड़ा बना है, इस तरह से हिन्दू लोगो की जनसंख्या कम होती ही जाएगी। में यह नहीं कह रही की एक से अधिक शादियां करनी चाहिए या बच्चे अधिक होने चाहिए, नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं है, में तो बस यह समझा रही हूं की समानता का हक सभी को है और अगर यह नहीं होगा तो दूसरे लोग हमारा ही फायदा उठाएंगे और हिंदू बहुसंख्यक से अल्पसंख्यक की श्रेणी में आ जाएंगे। आप जानते ही होंगे कि 1947 में बटवारे के समय भारत में मुसलमानों की जनसंख्या 2% थी और आज लिखित तौर पर देखे तो जनसंख्या 25% तक है और घुसपैठियों, बांग्लादेश के शरणार्थियों को मिलाया जाए तो 30-40% तक इनकी जनसंख्या हो गई है। और एक बात और हमारा हिंदू राष्ट्र तभी तक धर्मनिरपेक्ष(secular) है जब तक यहां हिंदू बहुसंख्यक है जिस दिन यहां मुस्लिम बहूसंख्यक हो गए उसी दिन से भारत देश की धर्मनिरपेक्षता समाप्त हो जाएगी। फिर तो आप सोच ही सकते हैं कि हमारी क्या स्थिति होगी। अब सवाल यह है की लव जिहाद और शरीयत कानून आपस में जुड़े कैसे हैं ? इसका जवाब है कि मुसलमानों की धार्मिक पुस्तक शरीयत और आसमानीयत पुस्तक जिसको किताब-ए-हवा-हवाई भी कहा जाता है क्योंकि इसमें इतनी हवा-हवा में बातें कही हुई है समझ रहे हैं आप ? इन पुस्तकों में लिखा है कि काफिर महिला से विवाह करना 100 बार मक्का-मदीना में हज करने के बराबर होता है, मुस्लिम काफिर किसे कहते है ये तो समझते हैं ना, काफिर यानी गेर-मुस्लिम लोग और किसी काफिर स्त्री से विवाह करके, बच्चे पैदा करना और उसका धर्मांतरण करना उनके लिए जन्नत का रास्ता खोलता है। 1400 साल पुराने मुस्लिम समुदाय में या धर्म में ऐसी मान्यताएं इसलिए जोड़ी गई ताकि वह अपने धर्म का प्रचार-प्रसार कर सके। लोगों का धर्मांतरण ना भी कर सके तो गैर-मुस्लिम लोगों से या उनकी भाषा में कहू तो काफिरों से विवाह कर, उनका धर्मांतरण कर, मुस्लिम जनसंख्या जिहाद करें। क्युकी मुसलमानों का तो धर्म ही यही कहता है कि अल्लाह के सिवाय कोई पूजनीय नहीं है, हर इंसान को उनकी शरण में आना चाहिए और काफिरो से ये नफरत करते है इसलिए काफिर लोगो का धर्मांतरण करने से उनको जन्नत मिलेगी ऐसी धारणाएं बनाई गई है। आप सोचिए एसी चीजे उनके धर्मिक ग्रंथो में लिखी है और किस कारण से, की बस मुस्लिम आबादी को बढ़ाना है। और ये तो कुछ भी नहीं है दोस्तो, ऐसी-ऐसी कई चीजे है जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते।
दोस्तों एक बात और कि मुझे ऐसा बिल्कुल भी मत समझना कि मैं किसी धर्म विशेष या समुदाय विशेष के लोगों के खिलाफ लिखती हूं या उन्हें नीचा दिखाने की मेरी कोई कोशिश है नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं है लेकिन जो गलत है वह गलत ही रहेगा। मै हर धर्म की, सम्प्रदाय की अच्छी बातों का सम्मान करती हूं, हिन्दू धर्म में भी कुछ अंधविश्वास है जिनका भी विरोध में करती हूं और अन्य धर्म में भी कुछ गलत चीजे है जिसका प्रभाव पूरे देश और समाज पर पड़ता है तो इसका विरोध भी जरूरी है।मेरा यह मानना है कि हर धर्म के रास्ते अलग-अलग है लेकिन मंजिल एक ही है वो है भगवान की शरण में जाना, शांति प्राप्त होना और मोक्ष की प्राप्ति होना। लेकिन अगर कोई सनातन धर्म को बरबाद करने की या हमारी संस्कृति को खराब करने की कोशिश करेगा तो अपने बचाव के लिए कुछ करना मेरा हक है और बर्दास्त करने की भी एक हद होती है और वो हद 72 सालो में पूरी हो गई, अब और नहीं। अब कोई कहेगा ना कि रामजी नहीं थे, अयोध्या में कोई मन्दिर नहीं था, या भगवान के चरित्र पर उंगली उठेगी,तो उसे जवाब मिलेगा और वो भी सबूत के साथ। दोस्तो एक बात और कहना चाहूंगी की हम हिन्दुओं ने कभी नहीं कहा कि अपना धर्म बदलो और सिर्फ हमारे भगवान की पूजा अर्चना करो। हम "वासुदेव कुटुंबकम्" में विश्वास रखते है अर्थात पूरी पृथ्वी हमारा परिवार है, तो ये जरूरी नहीं है कि एक परिवार में हर इंसान एक जैसा हो, सभी के सोचने समझने का नजरिया एक जैसा हो, हम यह बात अच्छे से जानते है इसलिए हमने कभी किसी पर कोई दबाव नहीं बनाया और ना ही आज तक हिंदू राष्ट्र ने कभी किसी देश पर आक्रमण किया और उसे लूटा है। लेकिन यह भी कहना चाहूंगी की किसी भी इंसान को सिर्फ वह मुस्लिम है, हिंदू है, इसाई है इस नजर से देखकर उसकी सोच का अनुमान नहीं लगाना चाहिए। ये सारा खेल सोच का है और परवरिश का है, अगर हमारी सोच ऐसी सब चीजों से उपर है तो हमें इन चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बाकी फिर भी में अपने आसपास भी देखु तो लगता कि कुछ मुसलमानों में देशभक्ति की भावना देखने को नहीं मिलती जो बहुत दुख की बात है कि जिस देश में वह रह रहे हैं जहां अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यको से अधिक अधिकार दिए जाते हैं, अल्पसंख्यकों को हर जगह ज्यादा प्रोत्साहन दिया जाता है, उसी देश के प्रति और खासकर उसी देश के बहुसंख्यक लोगों यानी हिन्दुओं के प्रति उनके मन में वह सम्मान और वह प्रेम की भावना नहीं दिखती। वे तो हमे काफिर और नफरत का पात्र समझते है। लेकिन शायद इनमें भी कुछ लोग ऐसे होगे जिनकी सोच ऐसी ना हो, पर क्या मतलब इन लोगो का भी जो खुद उठकर अपने ही गलत लोगो को समझा ना सके। इसलिए वो लोग भी बुरे बन जाते है कुछ गंदी सोच वाले लोगो के कारण। और विश्वास तो किसी पर करना ही नहीं चाहिए, अपने माता पिता, अपने कुछ परिवार वालों को छोड़कर।
मुस्लिम विवाह अधिनियम 1937 के तहत क्या हिन्दुओं को भी चार पत्नी रखने का अधिकार मिलेगा?/Under the Muslim Marriage Act 1937, Hindus Also got the right to keep 4 wife?
वैसे दूध के धुले तो ना ही सभी हिन्दू है और ना ही सभी मुसलमान और ना ही कोई और धर्म के लोग। इनमें से अच्छा वो है जो कम बुरा है, जिनकी जड़े जो है वो मजबूत है, जो सभी को साथ लेकर चले, जो स्वतंत्रता भी दे और अच्छे परिवर्तन को स्वीकार भी करे, जो विज्ञान को भी बढ़ावा दे, ऐसा नहीं हो कि बस हम ही है जो है वो। और जो ऐसा करेगा तो उसके लिए लव जिहाद का जो कानून बना वैसे और कानून बनाने पड़ेंगे और मेरे ख्याल से यही आज के समय की मांग है वरना आप ही सोचिए अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के लिए इन लोगो ने कितने साल केस लड़ा और फाइनली 2020 में राम मंदिर का ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया। आप खुद सोचे की ये किसके लिए हमसे लड़ रहे थे, वो बाबर जिसने भारत देश को लूटने के लिए हमारे देश पर आक्रमण किया, जिसने भारत के लोगो का जबरन धर्मांतरण किया, मन्दिरों को तोड़ा और लूट लिया सब कुछ। इसी बाबर ने राम मन्दिर को तोड कर यहां अपने ही नाम की बाबरी मस्जिद बनाई। एक बात बताओ दोस्तो हम मन्दिर में किसकी पूजा करते है हमारे भगवान की ना, जिनकी अनेक दंत कथाएं भी हमने सुनी है और हमारे ग्रंथों में भी हमारे भगवान का उल्लेख है। मुसलमानों के भगवान यानी अल्लाह कौन है- पैगम्बर मोहम्मद साहेब तो फिर यह बाबर की मस्जिद, जहां माना जाता है कि बाबर को दफनाया गया था उसको पूजनिय मानना कहा तक सही है। बाबर तो बाहर से आया हुआ एक आक्रमणकारी था जिसने हमारे देश के लोगो के साथ बहुत अत्याचार किया, देश की संपत्ति को लुटा और जबरन लोगो का धर्मांतरण किया, बाबर तो एक मात्र इंसान था, लुटेरा था, वो कोई अल्लाह का भेजा हुआ पैगम्बर थोड़ी था जिसकी बाते, जिसकी चीजे आज पत्थर पर बनी लकीर हो गई इन लोगो के लिए। आज मुसलमान भारत के नागरिक होते हुए भी उस बाबर की मस्जिद के लिए अपने ही देश के बहुसंख्यक लोगो से लड़ रहे है जिनपर कभी इस बाबर ने अत्याचार किया था। इससे अब हम क्या समझेंगे कि इनको हमारे देश से प्यार नहीं है, देश के नागरिकों से कोई लगाव नहीं है, देशहित का ये लोग नहीं सोचते, यही साबित होता है इस चीज से तो।
कुल मिलाकर बात इतनी है कि हमें और हम ही क्यों पूरी दुनिया को इतनी बार धोका मिल चुका है कि अब किसी अच्छे मुसलमान पर भी विश्वास करने का दिल नहीं करता। विश्वास किया था हमने भी लेकिन क्या हुआ पाकिस्तान, बग्लादेश अलग हो गए और आज वहां के अल्पसंख्यक हिन्दुओं की क्या दशा है ये तो आप जानते ही होंगे और यही नहीं हमारे साथ कश्मीर में क्या हुआ, कश्मीर के मूल निवासी लाखो हिन्दू पण्डितो को अपना ही घर छोड़ने के लिए मजबुर किया गया।आज भी वो अपनी जिंदगी एक शरणार्थी की तरह दूसरी जगहों पर बिता रहे है। और यही नहीं अभी हाल की ही बात है फ्रांस में क्या-क्या हुआ पता होगा आपको, पता नहीं है तो एक बार जरूर देखे मेरे कहने से और जर्मनी में क्या हुआ, मोजांबिक में इस्लामी आतंकियों ने केसे वहा के नागरिकों को जान से मारा और अभी 10-15 दिन पहले आंध्र प्रदेश में शिवजी की मूर्ति का शीश अलग करके नारेबाजी हुई और इन्हीं दिनों में पाकिस्तान में एक हिन्दू बड़े मंदिर को मुसलमानों की एक बड़ी भीड़ ने तोड़ डाला, वहां उस मन्दिर का नामोनिशान मिटा दिया, तो ये सब क्या है, पता नहीं क्या चाहते है ऐसे लोग। पाकिस्तान में तो वैसे भी गिनती के 40 कुछ बड़े मंदिर होगे जहा पूजा-पाठ होती है, यह मन्दिर उन्हीं में से एक था जिसे तोड़ दिया गया, आज भारत में किसी की हिम्मत ना हो किसी मस्जिद पर हथौड़ा मारने की भी। और वैसे ये सब करना ही क्यों है हम क्यों बने उनके जैसे खराब, आप अपने भगवान को पूजे और हम अपने इसमें दिक्कत ही क्या है लेकिन नहीं ये लोग ना खुद शांति से रहेंगे ना किसी और को रहने देगे, मारवाड़ी में कहते हैना "घोचा करण री आदत है" तो बस वही है चेन नहीं इनको, खुदका अपना अलग देश पाकिस्तान, बांग्लादेश ले भी लीया तो कोनसा उसकी काया-पलट हो गई, दोनों देशो की करेंसी कुएं में गिर चुकी है और जनता को तो आप जानते ही होंगे केसी होगी। और हमारे में ना एक कहावत है कि सीधी उंगली से घी ना निकले तो उंगली टेढ़ी करनी पड़ती है तो बस वहीं किया है योगी जी ने और मोदी सरकार ने, जो पिछले 72 सालो में कांग्रेस की सरकार नहीं कर पाई।
जो सरकार ने किया है और जो हो रहा है वो बिल्कुल सही है क्युकी आने वाले समय में अगर हमे सुख शांति से अपने देश मे रहना है तो एसे कदम अब उठाने होगे। और ये कहना चाहूंगी कि हिन्दुओं को एकत्र होने की जरूरत है अब, हमारी जतिया ही हमे ले ना डूबे की ब्राह्मण कांग्रेस को वोट देगे, यादव किसी और को, बनिए किसी और को, जैन किसी को, बोध किसी और को, हमे एकत्र होने की जरूरत है अब। आपने वो 5 भाई वाली लकड़ी के गाठ्ठे वाली कहानी तो सुनी या पढी होगी बचपन में..। फ़र्क बस अब इतना है कि अब हमे अपने 5 भाईयो को देखकर और सही चुनना है जो सही में हमारा साथ दे ना कि हमारा ही विश्वास तोड़े ओर हमें नुकसान पहुंचाए..। में धन्यवाद कहना चाहूंगी विष्णु जैन जी को, जिन्होंने आगे बढ़कर यह कदम उठाया, दोस्तो हमें भी कुछ सीखना चाहिए, आज भी हमारे देश में ऐसे-ऐसे लोग है जो संपूर्ण मानवता के कल्याण की बात करते है ना कि अपने धर्म, अपनी जाति या सिर्फ अपने समाज की...।
KYA BAT LAJAVAB LIKHA HE ...BAHUT HE KHUSH HU AAPKE NAYE BLOG KO DEKHKAR ...HAA ME BHI AAPKE BAT SE 100% SAHMAT HU KI KISI INSANSE KO DHARM KO LEKAR ..APNE RANG KO LEKAR BED BHAV NAHI KARNA CHAIYE ..HAR VO HINSANE BARABAR HE JISE US UPPER VALE NE ITNE MEHNAT SE BNAYA HAR INSANE KA PURA HAK HE BHALEHI VO IS DESH KA HO BHAR KA HO ..HINDU HO MUSLMAN HO YA KOI OR DHARM SE BELONG KARTA HOO..SATH HE KISI OORAT KO BHI UTNA HE AADHIKAR HE HAR US CHIIZ PR JITNA KISI EK AADMI KO HOTA HE..KABHI IN CHIIZO ME BEDBHAV NAHI HONA CHAIYE ...HAMEHSA SE HAM DEKH HE RAHE HE KII KIS TARAH SE LOG BACHPAN SE HE LADKE OR LADKIYO ME BEDBHAV KARTE HE JO KI SAI NAHI ..OR SATH HE MUSLIM DHARAM ME YE 4 SHADI VALA KANNON EK INSANE KE AADHIKAR KO CHIN SE JESA HE ..KOI INSANE KIS TARAH SE 4 SHADIYA KAR SAKTA HE YEE TO US OORAT KO JEETE JII MARNE KE BARABAR HOGA ..YE BAT SAMJE CHAIYE DESH KE LOGO KO OR SARKAR KO KII KIS TARAH SE YE 4 SHADIYA KARKE KEVAL APNE POPULATIONL KO BHADANA CHAHTE HE ORR FIR HAMKO PTA HE H KI YE HAMARE DESH KA KYA HAL KARENNGE ..ABHI BHI POPULATION KA % KAM HONE PAR BHII YE KITNA AAKORSH FELA RAHE HE ..OR UNKE MAN ME KAHI NA KAHI BACHPAN SE HE DHARAM KE LIYE BEDBHAV KI BATE BETHA DI JATE HE ..YE BAHUT JARRORI HE KI HAR INSANE BHALEHI VO CHOOTA HO YA BDA KISI BHI DHARAM KA HO USE HAR AACHII BURI BAT KA GYAN HONA CHAIYE ...KYA USKE LIYE SAI HE KYA GALAT YE USE PTA HONA CHAIYE ..OR YE JADE PARENTS SE HE START HOTI HE TO SABHI SE YAHI BINTII HE KII APNE BACHOO KO GALAT SIKHA NA DEE..HAR DHARM KA SAMAN MANE ORR AAJ KA YUVA BADLENGA TAB HE HAMARA DESH BADLENGA ..YUVA HE IS BAT KO AAGE BDA SAKTA HE...OR AAP NE ITNA AACHA TOPIC PAR BLOG LIKHA ISKE BARE ME TO KYA HE KAHNA ORR HAR BAT MERE MAN KO CHUU GAII AAPKII ...ESE HE AAP HAME IS TARAH KE TOPIC LAKAR IS DESH KE LOGO KO EK SAI DIRECTION MILE..OR KITNE HE LOGO KO ITNA SAB KUCH LIKHA HE USKA 5% BHI NAHI PTA HOGA ..OR AAPKO KISI TARAH KA SUPPORT MILE NA MILE AAPKA 1FAN TO AAPKE SATH HAMESHA AAP KE SATH HE ..ESE HE LIKHTE RAHEIYE ..OR APNE ITNE AACHEE THOUGHTS KO SHARE KARTE RAHEYE..ORR AAPKE AGLE BLOG KA WAIT RAHENGA ..
ReplyDeleteThank you soo much..😊achha lga dekhkr ki koi to he jo esa sochta he..jise y sb pdhne ka comment krne ka tym he na ki social media pr bethkr scroll krte rhne ka..or bilkul sahi kha ki aaj ka yuva bdlega tbhi desh bdlega..
DeleteVery impressive, Brilliant, Fantastic & Outstanding Keep moving forward...😊😊👍👍
ReplyDeleteThank you so much..😇
Delete����
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन ब्लॉग
यदि समाज को और देश को सही दिशा पर अग्रसर करना है तो हमे समाज की बहनों को शिक्षित करना बहुत जरूरी है ताकि वे इन जेहादियों के जिहाद से बच सके और धर्म और मजहब में फर्क़ समझ सके|
आपको हमारे सनातन धर्म की इतनी जानकारी है क्या आप वेदों का अध्ययन करती हो ?
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